भोली जनता सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Shiv Jal Abhishek

  Click here for Shiv Pooja

भोली जनता

जनता पूछे नेता से

साहेब कब स्वार्थ त्यागोगे

नेता बोला यह कैसे संभव है
   
मैं तो  पहले  एक व्यापारी हूं  

मुझसे ऐसी आशा करनी ही निष्फल है।

फ़ुरसत कब मिल पाती है

 चिंतन करूं मूल्यों और आदर्शों के बारे में

समय बीतता है रचने व्यूहचकर और घोटाले में ।

कोई भी काल दशा हो व्याप्त

अपना दिमाग रहता षड़यंत्र संलिप्त

अपने तो नारों में ही राष्टवाद और समाजवाद

दिलों दिमाग में व्याप्त रहे परिवारवाद

कहां से पाना कमीशन और कहां करना भूमि अधिग्रहण

सोचता   निरंतर अपना तो मन मस्तिष्क

जनता की सुध तो चुनाव में ली जाती है

जन कल्याण  की ऊंची हूंकार भरी जाती है

बहकावे में जब भोली जनता आती है

तब अपने पक्ष में मतपेटी की मांग भरी जाती है।

जब जीत का डंका बजता है शीश पर ताज सजता है

फिर जनता की आकांक्षाओं को दमण किया जाता है ।

अर्थव्यवस्था और राजस्व का विलाप किया जाता है

अपने घर की तिजौरी को भरने का प्रबंध किया जाता है

तब जनता ठगी सी  रह जाती है

चीखती चिल्लाती शो मचाती है

अपना आसीततव बचाने को

सब कुछ दबकर चुपचाप सहती है

मुझसे बदला लेने के लिए

मेरे ही समरुप को अपना सिर ताज बना लेती हैं

आये हंसी मुझे उसकी याददाश्त पर

फिर सबकुछ भूल भालकर

मेरे समरूप के घोटालौ से ऊबकर

अगले चुनाव में फिर मुझपर ही विश्वास जताती है

मेरे  षड़यंत्रौ को भूलकर मुझे ही विजय दिलाती हैं



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सुंदरकांड का पाठ करें और जीवन में स्वास्थ्य लाभ पाएं

🌹सुंदरकांड को समझ कर उसका पाठ करें तो हमें और भी आनंद आएगा। सुंदरकांड में 1 से 26 तक जो दोहे हैं, उनमें शिवजी का अवगाहन है, शिवजी का गायन है, वो शिव कांची है। क्योंकि शिव आधार हैं, अर्थात कल्याण। जहां तक आधार का सवाल है, तो पहले हमें अपने शरीर को स्वस्थ बनाना चाहिए, शरीर स्वस्थ होगा तभी हमारे सभी काम हो पाएंगे। किसी भी काम को करने के लिए अगर शरीर स्वस्थ है तभी हम कुछ कर पाएंगे, या कुछ कर सकते हैं। सुंदरकांड की एक से लेकर 26 चौपाइयों में तुलसी बाबा ने कुछ ऐसे गुप्त मंत्र हमारे लिए रखे हैं जो प्रकट में तो हनुमान जी का ही चरित्र है लेकिन अप्रकट में जो चरित्र है वह हमारे शरीर में चलता है। हमारे शरीर में 72000 नाड़ियां हैं उनमें से भी तीन सबसे महत्वपूर्ण हैं। जैसे ही हम सुंदरकांड प्रारंभ करते हैं- ॐ श्री परमात्मने नमः, तभी से हमारी नाड़ियों का शुद्धिकरण प्रारंभ हो जाता है। सुंदरकांड में एक से लेकर 26 दोहे तक में ऐसी ताकत है, ऐसी शक्ति है... जिसका बखान करना ही इस पृथ्वी के मनुष्यों के बस की बात नहीं है। इन दोहों में किसी भी राजरोग को मिटाने की क्षमता है, यदि श्रद्धा से पाठ किया जाए तो इसमें...

Beautiful Quotes by Bill Gates

अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर विशेष नमन

**************** *गुरु अर्जुनदेव* ************* *(ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी/ शहीदी दिवस)* गुरु अर्जुन देव सिखों के 5 वे गुरु थे. गुरु अर्जुन देव जी शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुञ्ज हैं. आध्यात्मिक जगत में गुरु जी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. उन्हें ब्रह्मज्ञानी भी कहा जाता है. गुरु अर्जुन देव जी की निर्मल प्रवृत्ति, सहृदयता, कर्तव्यनिष्ठता तथा धार्मिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण भावना को देखते हुए गुरु रामदास जी ने 1581 में पांचवें गुरु के रूप में उन्हें गुरु गद्दी पर सुशोभित किया. ग्रन्थ साहिब का सम्पादन गुरु अर्जुन देव जी ने भाई गुरदास की सहायता से 1604 में किया, जो मानव जाति को सबसे बड़ी देन है. ग्रन्थ साहिब की सम्पादन कला अद्वितीय है, जिसमें गुरु जी की विद्वत्ता झलकती है. श्री गुरुग्रन्थ साहिब में कुल 5894 शब्द हैं जिनमें से 2216 शब्द श्री गुरु अर्जुन देव जी के हैं. गुरुग्रन्थ साहिब में तीस रागों में गुरु जी की वाणी संकलित है. गणना की दृष्टि से गुरुग्रन्थ साहिब में सर्वाधिक वाणी पञ्चम गुरु की ही है. उ...